लाम्बा की शायरी
कौन खिलाता है कलियो को कलियां तो खुद खिल जाती है । कौन मिलाता है अंखियो को अखियां तो खुद मिल जाती है ॥ हमने तो पत्थर दिल लोगो को ये तक कहते देखा है। इश्क अगर होता है दिल की चुले तक हिल जाती है॥ लाम्बा को जब नही मिला ना उस का प्यार । साली की गाली को ही बनालिया हथियार्॥
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