There will be original work of the Lamba. Shayaree ,Gaane and Raganee and much more on current topics
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Tuesday 25 October 2016
Lamba kee Shayaree लाम्बा की शायरी
मैं तेरी जवानी का मुक्मल तलबगार हुँ। मैं तेरी कहानी का मुक्मल राजदार हुँ युं तो हो जाती है, गलतियाँ सभी से मैं तेरी वफ़ा का बा-वजा तरफ़्दार हुँ॥ भूपेन्दर
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