इश्क करते है ही लाम्बा बे-जरीन लोग्। गालिब कहता है, मुझ को निक्कमा कर दिया॥ तेरी आरजु तेरी जुस्तजू मुझे कब नही थी ये बता। तुझे इसका जो मलाल था, वो गलत था, वो गलत था॥ हमने तो लाम्बा, कभी किसी पर वार नही किया। जिसने मरना होता है वो खुद चल कर आजाते है॥ जिसने मरना होता है वो कदमो मे झुक जाते है सब की भूख मिटाना ये अल्लाह की तजवीज है॥ तेरी जवानी खूब है, पर थोडे दिन रहेगी। तुझ को गुडिया कहने वाले, बुढिया भी कहगें॥
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